
माता पिता के लिए बच्चे का हर पल खूबसूरत लगता हैं । जब बच्चा धीरे धीरे बैठना सीखना हैं तो वह पल माता के लिए और भी खास हो जाता हैं । बच्चे का बैठना सीखना यह बच्चे के शारीरिक विकास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं । यह सिर्फ एक शारीरिक गतिविधि नहीं है बल्कि बच्चे के आस-पास की दुनिया को देखने और समझने का एक नया तरीका भी है। आज के इस पोस्ट में हम जानेगें कि बच्चे को बैठना कैसे सिखाएं , इसमें किन महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए और कैसे बच्चे को आसानी और सुरक्षित बैठना सीखाया जा सके ।
बच्चा कब बैठना शुरू करता है?
हर बच्चे की क्षमता अलग अलग होती हैं इसलिए कोई बच्चा जल्दी बैठना सीख जाता हैं कोई बच्चा लेट बैठना सीखता हैं । अपने बच्चे की किसी दूसरे बच्चे से तुलना न करें । बैसे सामान्य रूप से बच्चे 4 से 7 महीने के बीच बैठना सीखना शुरू कर देते हैं ।
बच्चे को बैठना कैसे सिखाएं – आसान और सुरक्षित तरीके
1. पेट के बल लेटाना-
छोटे बच्चों के बैठने की शुरूआत उनके रेंगने से होती हैं जब बच्चा रेंगकर चलता हैं तो उसकी पीठ, गर्दन, कंधों की मांसपेशियां को मजबूती मिलती हैं । मजबूत मांसपेशियां बच्चे को बैठने में मदद करती हैं । बच्चे को पेट के बल लिटाएं थोडी दूर बैठकर उसे अपने पास बुलाएं या बच्चे से थोडी दूरी पर थोडी ऊचाँई पर खिलौना रख दे ताकि बच्चा रेंगकर आएगा और खिलौने को पकडने के लिए अपना सिर उठाएगा यह बच्चे को बैठने में मदद करता हैं ।

2. सहारा देकर बैठाना-
बच्चे को बिना सहारे के जबरजस्ती बैठाने की कोशिश न करें । इससे बच्चा गिर सकता हैं । बच्चे को अपनी गोद में सहारा देकर, दीवाल के सहारे दोनो ओर तकिया लगाकर बैठाने की कोशिश करें । बच्चे को बैठना कैसे सिखाएं, इसके लिए बच्चे को सहारा देकर बैठाना सबसे आसान तरीका हैं । इससे धीरे धीरे बच्चा सन्तुलन बनाना सीख जाएगा ।
3. खिलौनों का प्रयोग-
बच्चे के सामने थोडी दूरी पर रंग बिरगें खिलौना रखें जिससे बच्चा खिलौनों को पकडने के लिए आगे झुकेगा तो बच्चे के गर्दन और कमर की मांसपेशियां सक्रिय हो जाएगी खिलौने का प्रयोग करके बच्चे को बैठना कैसे सिखाएं में मदद मिलती हैं ।

4. धैर्य रखें-
कुछ बच्चे जल्दी बैठना सीख जाते हैं कुछ बच्चे देर से बैठना सीखते हैं । हर बच्चे के शरीर का विकास अलग अलग होता हैं । बच्चे को बैठना सीखाते समय जल्दवाजी न करे इसमें धैर्य की जरूर होती हैं और इसमें समय लगता हैं ।
5. डॉक्टर से सलाह लें-
यदि बच्चा 8 महीने से ज्यादा का हो गया हैं और वह अपनी गर्दन को अच्छी तरह से नहीं संभाल पाता हैं या बिना सहारे के नहीं बैठ पाता हैं तो डाक्टर को जरूर दिखाएं । हो सकता हैं बच्चे को कोई शारीरिक परेशानी हो । डाक्टर के बताए निर्देशों के अनुसार ही बच्चे को बैठाने का प्रयास करें ।
किन बातों का रखें विशेष ध्यान?
- 1. जबरदस्ती न करें- बच्चे को जबरजस्ती बैठाने की कोशिश न करें यदि बच्चा बार बार रोता हैं या आगे झुकता हैं तो थोडी देर बाद कोशिश करें ।
- 2. गिरने से बचाएं- जब बच्चा बैठने की कोशिश कर रहा हैं तो माता पिता को देखना चाहिए कहीं बच्चा गिर न जाएं इसके अलावा हो सके तो बच्चे के आस पास कुछ नरम चीजें रख दे या बीछा दें ।
- 3. ज़्यादा देर तक न बैठाएं- बच्चे को ज्यादा देर न बैठाएं इससे बच्चे के दर्द हो सकता हैं । शुरूआत में सिर्फ 2-3 मिनट तक ही बिठाएं फिर धीरे धीरे समय बढाएं ।
बच्चे के बैठने के फायदे
- बच्चे की मांसपेशियों का विकास होता है।
- बच्चे में आत्मनिर्भरता बढ़ती है।
- खिलौनों तक बच्चा खुद पहुंच पाता है, जिससे बच्चे की खेल में रुचि बढ़ती है।
- बच्चा अपने आसपास की चीजों को बेहतर तरीके से देख और समझ सकता है।
निष्कर्ष
बच्चे को बैठाना सिखाना हर माता पिता के लिए खुशी का पल होता हैं क्योंकि इसमें खूब प्यार, धैर्य, प्रोत्साहन होता हैं । बच्चे को बैठना सिखाने के लिए रेंगने से शुरूआत करें धीरे धीरे सहारे के साथ बैठने का अभ्यास कराएं इस बात का विशेष ध्यान रखें कि हर बच्चे की प्रवृति अलग अलग होती है और हर बच्चा अपनी गति से सीखता है। ऊपर बताए गए तरीकों को अपनाकर आपका जल्दी बैठना सीख सकता हैं ।