बच्चे का बार बार चौंकना | कारण समाधान

बच्चे का बार बार चौंकना

रात में बच्चे का बार बार चौंकना माता पिता के लिए चिन्ता का विषय बन जाता हैं क्या आपके के साथ भी ऐसा होता हैं कि आपका बच्चा अचानक से चौंक जाना जैसे उसने कोई डराबनी चीज देखी हो । यह बहुत आम बात हैं । छोटे बच्चे का बार बार चौंकना एक सामान्य शारीरिक प्रतिक्रिया हैं इसे मोरो रिफ्लेक्स भी कहते हैं , यह बच्चों के शारीरिक व मानसिक विकास का एक हिस्सा होता है । फिर भी इसके कारणों को जानना बहुत जरूरी हैं आज के इस लेख में बच्चे का बार बार चौंकना पर विस्तार से पढेंगे ।

बच्चे का बार बार चौंकने के सामान्य कारण

  • नवजातों में मरो रिफ्लेक्स (Moro Reflex):बच्चे के जन्म के बाद पहले 3-6 महीनों तक बच्चों में मोरो रिफ्लेक्स पाया जाता है। जो बच्चे के अचानक हाथ-पैर फैला देता है और बच्चा रोने लगता है । यह सब बच्चों के चौंकने जैसा ही दिखता है लेकिन यह एक सामान्य और अस्थायी प्रक्रिया है।
  • तेज़ आवाज़ या अचानक हलचल: जब बच्चे शान्त हो तब अचानक से बर्तन के गिरने की आवाज, तेजी से दरवाज़ा बंद करने की आवाज़ या अन्य किसी चीज़ के गिरने की आवाज़ से बच्चे चौंक जाते हैं ।
  • नींद में डरना या झटके आना: कई बार ऐसा होता हैं कि जब बच्चे सो रहे होते हैं तो सपने देखकर भी चौंक जाते हैं।
  • तेज़ रोशनी या फ्लैशिंग लाइट: बच्चों की आंखें बहुत संवेदनशील होती हैं । कैमरे में सूरज की तेज रोशनी आना या TV की लगातार बदलती रोशनी भी उन्हें चौंका सकती है।

कब डॉक्टर को दिखाना चाहिए?

बच्चे का बार बार चौंकना यह एक सामान्य क्रिया हैं लेकिन चिन्ता का कारण तब बनता हैं जब यह ज्यादा होन लगे तब आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए:

  • उम्र बढ़ने के बाद भी बच्चे का चौंकना: अगर बच्चा 6 महीने से बड़ा हो गया है और अभी भी बार चौंक रहा हैं ।
  • अन्य लक्षण: अगर बच्चे के चौकने के साथ-साथ बच्चे में अन्य असामान्य लक्षण दिखें, जैसे खाना खाने में दिक्कत, विकास में देरी, या बच्चे में चिड़चिड़ापन.
  • बार-बार और बहुत तेज़ चौकना: अगर बच्चा सामान्य रूप से अधिक व बार बार चौंकता हैं जिससे उसकी नींद व खाने पीने पर असर पड रहा हों ।
  • अचानक रिफ्लेक्स का गायब हो जाना: अगर छोटे बच्चों में मोरो रिफ्लेक्स बिल्कुल नहीं दिखता अर्थात बच्चे बिल्कुल नहीं चौंकते तो भी यह चिंता का विषय है.

कब चिंता करें?

  • बच्चा झटके खाकर बेहोश हो जाए
  • आंखें उलट जाएं
  • नींद में बार-बार डर कर जागे और पसीने से भीग जाए
  • बहुत अधिक रोए और शांत न हो

निष्कर्ष

बच्चे का बार-बार चौकना, खासकर शिशु अवस्था में तो यह एक सामान्य क्रिया है लेकिन चिन्ता का कारण तब बनती हैं जब यह बार बार बिना कारण के हो रहा हैं । माता-पिता को इसे नजरअंजाद नहीं करना चाहिए यदि आपको बच्चे में कोई असामान्य लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो डाक्टर से सलाह जरूर ले इस बात का भी ध्यान रखे हर बच्चा अलग होता हैं और हर बच्चे के विकास की गति , क्रिया अलग होती हैं ।

Read More

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top