बदतमीज बच्चे को कैसे सुधारें – हर माता को ये बातें पता होनी चाहिए

सभी माता पिता सोचते हैं उनका बच्चा विनम्र, दयालु, मेहनती और अच्छे संस्कार वाला बने। लेकिन कोई कोई बच्चा जिद्दी, जल्दी गुस्सा होने वाला या बदतमीज व्यवहार करने लगता हैं। ऐसे में माता-पिता के मन में प्रश्न आता हैं बदतमीज बच्चे को कैसे सुधारें। यह कोई बड़ी समस्या नहीं है। बच्चे का सही मार्गदर्शन , अच्छे शिष्टाचार व धैर्य के साथ बच्चों की बदतमीजी को दूर किया जा सकता है। आज के इस ब्लॉग पोस्ट में डिटेल में जानेंगे कोन से तरीकों से बच्चो को सुधारा जा सकता हैं।

बच्चे के बदतमीज होने के कारण

सबसे पहले बच्चे के व्यवहार को अच्छे से पहचाने उसके व्यवहार में कब से ऐसा परिवर्तन आया है बच्चा अचानक से बदतमीज नहीं बनता है इसके पीछे कुछ कारण होते है उन्हें जानना जरूरी होता है।

1. अत्यधिक लाड़-प्यार – अपने बच्चे सभी को प्यारे होते है अपने बच्चों को प्यार करना चाहिए और सभी करते भी हैं लेकिन ज्यादा लाड प्यार में बच्चों की आदत न बिगाड़े। अधिक लाड प्यार से बच्चे बिगड़ जाते हैं।

2. ध्यान आकर्षित करने की कोशिश – कभी कभी ऐसा होता हैं माता पिता बच्चों की बातों पर ध्यान नहीं देते फिर बच्चे बच्चे माता-पिता का ध्यान खींचने के लिए गलत व्यवहार करते हैं।

3. परिवार का माहौल – बच्चों के व्यवहार में सबसे पहला उसके घर से होता है यदि घर में बच्चे के सामने झगड़े या अपशब्दों का इस्तेमाल ज्यादा होता है तो बच्चा वही सीखता है।

4. स्कूल या दोस्तों का प्रभाव – घर के बाद बच्चों पर सबसे ज्यादा असर स्कूल और उसके दोस्तों का होता हैं। गलत दोस्तों की संगति या नकारात्मक माहौल बच्चों को बिगाड़ सकती हैं।

5. मानसिक या भावनात्मक समस्या – कभी-कभी बच्चों के भीतर डर, असुरक्षा या दबाव उन्हें बदतमीज बना देता है।

बदतमीज बच्चे को सुधारने के तरीके

1. धैर्य रखें

बच्चे के व्यवहार को एक दिन में नहीं सुधारा जा सकता। बदतमीज बच्चे को कैसे सुधारें इसके लिए सबसे ज्यादा जरूरत धैर्य की होती हैं। गुस्से में बच्चों को डांटना या मारना नहीं चाहिए । बच्चे को सिर्फ शांत रहकर समझाने का प्रयास करना चाहिए ।

2. प्यार और सख्ती का संतुलन

अधिक लाड प्यार से बच्चे बिगड़ते हैं ये बात सभी माता पिता जानते हुए भी उसकी आदत को बिगाड़ देते है जब वह बिगड़ जाता हैं तो उस पर सख्ती से पेश आते है। इससे बच्चा और अधिक बिगड़ने लगता हैं इससे बचने के लिए प्यार और सख्ती में ऐसा संतुलन बनाएँ, जिसमें उन्हें अनुशासन का महत्व समझ आए और साथ ही प्यार भी मिलता रहे।

3. रोल मॉडल बनें

बच्चे वही करते हैं जो वे अपने माता-पिता को करते देखते हैं। अगर माता-पिता बच्चों के सामने शालीनता और प्यार से पेश आते हैं तो बच्चा भी धीरे-धीरे वही सीखता है और वैसा ही बनता है

4. नियम और सीमाएँ तय करें

घर में अनुशासन का होना बहुत जरूरी हैं बच्चों के लिए भी अनुशासन बनाए घर में बच्चों के लिए टीवी देखने का समय, पढ़ाई का समय, मोबाइल का इस्तेमाल कब और कितना करना है के नियम बनाए और बच्चों से इसका पालन कराएं । एक अनुशासित बच्चा वाकी बच्चों की अपेक्षा अधिक समझदार होता हैं।

5. सकारात्मक संगत दें

बच्चों की संगति पर ध्यान देना बहुत जरूरी होता हैं क्योंकि बच्चे दोस्तो की संगति से जल्दी बिगड़ जाते है। बच्चे को अच्छे दोस्तों, किताबों और गतिविधियों से जोड़ें। खेलकूद, कहानी की किताबें और रचनात्मक कार्यों से उनका व्यवहार बेहतर होता है।

6. दंड की जगह परिणाम समझाएँ

गलती सभा से होती हैं बच्चों से तो अक्सर गलतियां होती रहती है यदि आपका बच्चा भी कोई गलती करता है तो उसे मारने-डांटने के बजाय उसके प्यार से समझाएँ। जैसे – “अगर तुम ऐसा करोगे तो वैसा हो जाएगा “

7. टेक्नोलॉजी का संतुलन

टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल सीमित समय के लिए करना चाहिए चाहे बच्चे हो या वयस्क। बच्चों के लिए अधिक मोबाइल, टीवी का इस्तेमाल करना उनकी आंखों के लिए, दिमाग के लिए qअधिक नुकसान दायक है। मोबाइल और टीवी के अधिक उपयोग से बच्चो को चिड़चिड़ा और बदतमीज बना सकता है। इसलिए इनके इस्तेमाल पर नियंत्रण जरूरी है।

बदतमीज बच्चे को कैसे सुधारें – व्यवहारिक उदाहरण

मान लीजिए आपका बच्चा बार-बार आपसे ऊँची आवाज़ में बात करता है। इस स्थिति में गुस्से से चिल्लाने के बजाय शांत रहकर कहें –”मुझे खुशी होगी अगर तुम मुझसे धीरे और प्यार से बात करो। अगर तुम ऊँची आवाज़ में बात करोगे तो मैं तुम्हारी बात नहीं सुन पाऊँगा।”

इस तरह बच्चा धीरे-धीरे समझेगा कि सम्मानजनक भाषा का इस्तेमाल करना जरूरी है।

माता-पिता के लिए जरूरी टिप्स

  • बच्चे को सुधारने में समय लगता है, इसलिए तुरंत बदलाव की उम्मीद न करें।
  • हर गलती पर डांटने के बजाय कभी-कभी नजरअंदाज भी करें।
  • बच्चे के अच्छे व्यवहार पर उसे इनाम दें, जैसे उसकी पसंदीदा कहानी सुनाना या बाहर घूमने ले जाना।
  • परिवार में प्यार और सम्मान का माहौल बनाएँ।
  • बच्चे को जिम्मेदारियाँ दें – जैसे अपना बैग खुद तैयार करना, खिलौने जगह पर रखना। इससे उनमें अनुशासन आएगा।

उपयोगी टिप्स

  • हर दिन बच्चे के साथ कम से कम 15–20 मिनट क्वालिटी टाइम बिताएँ।
  • मोबाइल और टीवी की बजाय खेल, कला और किताबों से जोड़ें।
  • गलत व्यवहार पर तुरंत और शांतिपूर्वक सुधार करें।
  • अपने बच्चे की तुलना दूसरों से न करें।

निष्कर्ष

बदतमीज बच्चे किसी को पसंद नहीं होते हैं। समाज के सामने बच्चों का बदतमीज होना माता-पिता को अपमान महसूस होने लगता है माता पिता के लिए यह चुनौतीपूर्ण हो जाता है लेकिन सही तरीके अपनाकर बच्चों को सुधारा जा सकता है। याद रखें, बच्चे खाली पन्ने की तरह होते हैं। आप उन पर जो लिखेंगे, वही वे जीवनभर सीखेंगे। धैर्य, प्यार, अनुशासन और सही मार्गदर्शन से हर बच्चा सुधर सकता है।

अगर आप सोच रहे हैं कि बदतमीज बच्चे को कैसे सुधारें, तो सबसे पहले खुद को शांत रखें, बच्चे से संवाद बनाएँ और धीरे-धीरे उसे सही दिशा दिखाएँ। समय और सही प्रयासों से आप जरूर अपने बच्चे को संस्कारी और जिम्मेदार बना सकते हैं।

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