आज के इस डिजिटल युग में बच्चे हर समय मोबाइल, लैपटॉप में अपना समय बिताते रहते है बड़ों का आदर सम्मान करना तो सीखा ही नहीं । शिष्टाचार नमस्ते राम राम कहना प्रयाप्त नहीं है। शिष्टाचार का मतलब है बड़ों के प्रति आदर सम्मान करना, दूसरों के प्रति सहानभूति , विनम्रता, जीव जंतु पर दया करना है। यह हमारे बच्चों को समाज में एक अच्छा इंसान बनने में मदद करता है यदि आप भी सोच रहे है बच्चों को शिष्टाचार कैसे सिखाएं तो यह लेख आपके लिए है इस लेख में हम सरल, व्यावहारिक और रोज़मर्रा के तरीकों पर चर्चा करेंगे ताकि आप आसानी से अपने घर में बच्चे को अच्छे शिष्टाचार सिखा सकें।

शिष्टाचार क्या है?
शिष्टाचार का मतलब है बड़ों को नमस्ते कहना , दूसरों के प्रति सम्मान, विनम्रता और दयालुता दिखाना। इसमें छोटी-छोटी चीजें शामिल हैं, जैसे “धन्यवाद” और “कृपया” कहना, दूसरों की बातें ध्यान से सुनना, और अच्छा व्यवहार करना।
शिष्टाचार क्यों जरूरी है?
- एक समझदार और अच्छा इंसान बनने के लिए
- बड़ों को राम राम या नमस्ते कहने से खुद को भी बड़ों का आर्शीवाद मिलता हैं
- अच्छे शिष्टाचार वाले बच्चों को समाज में सम्मान मिलता है
- अच्छे शिष्टाचार से भविष्य में नौकरी/रिश्तों में भी फायदा होता है।
बच्चों को शिष्टाचार सिखाने के 7 आसान तरीके
1. खुद एक आदर्श बनें (Role Model)
बच्चों की असली शिक्षा घर से ही शुरू होती हैं बच्चे घर में माता पिता के व्यवहार से सीखते हैं वह दूसरों से किस तरह से व्यवकार कर रहे हैं। घर में आए रिश्तेदारों से यदि आप भी नमस्ते, राम राम करेंगे तो बच्चा भी वैसा ही करेगा। यदि आप भी अपने बड़े बुजुर्गों का सम्मान करते हैं तो उसका असर आपके अच्छे पर भी होगा। इसीलिए बच्चों को शिष्टाचार कैसे सिखाएं इसके लिए आपको बच्चे के सामने दयालुता, विनम्रता, आदर सत्कार करें। सीधी सीधी बात है बच्चों के सामने दूसरों से सभ्य व्यवकार करें।
2. ‘जादुई शब्द’ सिखाएं (Teach ‘magic words)
कुछ ऐसे शब्द होते है जिससे सामने वाले को बुरा लग जाता है लेकिन कुछ ऐसे अच्छे शब्द भी होते हैं जिनका प्रभाव लंबे समय याद रखते हैं इन्हीं को जादुई शब्द कहते है जैसे जैसे ‘कृपया’ (Please), ‘धन्यवाद’ (Thank you), ‘माफ़ कीजिए’ (Excuse me) और ‘क्षमा करें’ (Sorry) ये शब्द शिष्टाचार की नींव हैं। अपने बच्चों को इन शब्दों को कब और कैसे इस्तेमाल करना है सिखाए। यह बहुत महत्वपूर्ण है कि आप उन्हें बच्चों को शिष्टाचार कैसे सिखाएं का एक हिस्सा मानें।

3.डिजिटल शिष्टाचार (Digital Etiquette)
डिजिटल शिष्टाचार का मतलब हैं ऑनलाइन चैट या फोन पर शिष्टाचार से वार्ता करना। आज के समय में डिजिटल शिष्टाचार भी बहुत जरूरी हो गया है। अपने बच्चों को ऑनलाइन चैट या सोशल साइट्स या कॉलिंग पर आदर पूर्वक, सम्मानजनक भाषा का प्रयोग करें। उन्हें यह भी सिखाए सोशल साइट्स पर अजनबियों से दूरी बनाकर रखें उनसे बात न करें। इस तरह आप बच्चों को शिष्टाचार कैसे सिखाएं का एक महत्वपूर्ण पहलू सिखा रहे हैं।
4. कहानियों और कविताओं के माध्यम से सिखाएं (Teach through stories and poems)
आप शायद जानते होंगे बच्चों को कहानियां और कविताएं सुनना बहुत पसंद होता है इन्हीं को आधार बनाकर आप बच्चे को शिष्टाचार सिखा सकते है। बच्चों को ऐसी कहानियां और कविताएं सुनाए जिसमें शिष्टाचार और नैतिकता की बात की गई है। यह तरीका न केवल मजेदार है, बल्कि बच्चों का ध्यान भी आकर्षित करता है।
5. साफ़-सफ़ाई और व्यवस्था का महत्व (The importance of cleanliness and order)
शिष्टाचार में सिर्फ बड़ों का सम्मान करना मेहमानों से नमस्ते करना तक ही सीमित नहीं है। शिष्टाचार में साफ़-सफ़ाई और व्यवस्था भी शामिल है। बच्चों को सिखाएं कि अपने कमरे में साफ सफ़ाई रखे खिलौनों को खेलने के बाद व्यवस्थिति तरीके से एक जगह रख दे और किताबों को स्कूल बैग में रखकर स्कूल बैग को उचित जगह रखे। ऐसा करने से बच्चों में एक जिम्मेदारी का एहसास कराता है।
6. खाना खाते समय शिष्टाचार (Dining etiquette while eating)
खाना खाते समय ने भी शिष्टाचार बहुत जरूरी है जब भी खाना खाए जमीन पर या टेबल पर तो बच्चों को सिखाएं कि खाना खाते समय बोलते नहीं है , शोर नहीं करते, खाने के चबाकर खाएं , भोजन की बर्बादी न करें। इसके साथ साथ बच्चे को यह भी बताएं कि खाना खाने से पहले ‘भगवान का धन्यवाद’ जरूर कहें यह भी एक अच्छी आदत है। खाना खाते समय बच्चों को शिष्टाचार कैसे सिखाएं, यह हर माता-पिता के लिए ज़रूरी है। सही आदतें बचपन से ही उनके व्यक्तित्व का हिस्सा बन जाती हैं।

7. मेहमानों और दूसरों के साथ शिष्टाचार ( Manners with guests and others)
बच्चों का मेहमानों का आदर सम्मान करना सिर्फ बच्चों का सम्मान नहीं है इसमें उनके पिता के दिए अच्छे संस्कार और शिष्टाचार है बच्चों को सिखाएं जब घर में कोई मेहमान या कोई भी परिचित व्यक्ति आएं तो उनसे ‘नमस्ते’ करें। चाहे वे उम्र में छोटे हो या बड़े। सम्मान के सभी हकदार है। उनके साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार करें। उनको आदर सहित बैठने के लिए कुर्सी दे या सोफा पर बिठाए। फिर उनके लिए पानी, चाय नाश्ते के लिए पूछे। उन्हें सिखाएं कि वे मेहमानों और बड़ों के सामने कैसे बात करें। बच्चों को यह भी सिखाएं कि दूसरों का मज़ाक उड़ाना या उन्हें चिढ़ाना गलत है।

निष्कर्ष ( Conclusion)
बच्चे को शिष्टाचार सिखाकर एक अच्छा इंसान बनने के साथ साथ भविष्य में आने वाली चुनौतियों से सामना करने के लिए तैयार करता है। शिष्टाचार न केवल बच्चों को सामाजिक रूप से स्वीकार्य बनाता है, बल्कि उनके आत्मविश्वास और नैतिकता को भी बढ़ाता है।
इस ब्लॉग में बताए गए तरीकों को अपनाकर आप बच्चों को शिष्टाचार सिखाने की दिशा में एक मजबूत कदम उठा सकते हैं। आइए, अपने बच्चों को ऐसी शिक्षा दें, जो उन्हें समाज में एक बेहतर इंसान बनाए। आपके विचार क्या हैं? बच्चों को शिष्टाचार सिखाने के लिए आप कौन से तरीके अपनाते हैं? नीचे कमेंट में अपने अनुभव साझा करें! अगर आपको यह लेख पसंद आया हो, तो इसे अपने दोस्तों और परिवार के साथ शेयर करें ताकि वे भी अपने बच्चों को शिष्टाचार सिखाने के इन आसान तरीकों को अपना सकें।